Everything about shiv chalisa lyrics english
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श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।
जन्म जन्म के पाप नसावे । अन्तवास शिवपुर में पावे ॥
तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥
वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे । छवि को देख नाग मुनि मोहे ॥
अन्त धाम शिवपुर में पावे ॥ कहैं अयोध्यादास आस तुम्हारी ।
जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्तवास शिवपुर में पावे॥
त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई । सबहिं कृपा कर लीन बचाई ॥
Whosoever features incense, prasad and performs arti to Lord Shiva, with enjoy and devotion, enjoys material pleasure and spiritual bliss On this globe and hereafter ascends to the abode of Lord Shiva. The poet prays that Lord Shiva removes the struggling of all and read more grants them Everlasting bliss.
अर्थ- हे गिरिजा पति हे, दीन हीन पर दया बरसाने वाले भगवान शिव आपकी जय हो, आप सदा संतो के प्रतिपालक रहे हैं। आपके मस्तक पर छोटा सा चंद्रमा शोभायमान है, आपने कानों में नागफनी के कुंडल डाल रखें हैं।
किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तसु पुरारी॥
एक कमल प्रभु राखेउ जोई । कमल नयन पूजन चहं सोई ॥
सहस कमल में हो रहे धारी । कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी ॥
सङ्कट कटै मिटै सब पीरा। जो सुमिरै हनुमत बलबीरा।।
कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर। भये प्रसन्न दिए इच्छित वर॥